बीएड इंटर्नशिप फाइल : विद्यालयी अध्यापकों, समुदाय के लोगों एवं विद्यार्थियों से अन्तः क्रिया आधारित रिपोर्ट

 बीएड इंटर्नशिप फाइल : विद्यालयी अध्यापकों, समुदाय के लोगों एवं विद्यार्थियों से अन्तः क्रिया आधारित रिपोर्ट


Internship Project File Bed | इंटर्नशिप प्रोजेक्ट फाइल बीएड

अक्सर बीएड के छात्रों को इंटर्नशिप डायरी बनने में दिक्कत आती है। बी. एड. प्रशिक्षु अध्यापकों को इस समस्या से निजात दिलवाने के लिए हमने एक बेहतरीन बीएड इंटर्नशिप प्रोजेक्ट फाइल नमूना (B.Ed internship project file sample) तैयार की है। जिसमें बीएड इंटर्नशिप प्रोजेक्ट फाइल के सभी 10 खंडों को सम्मिलित किया गया है जो बीएड प्रशिक्षु को अध्यापकों को अपने इंटर्नशिप प्रोजेक्ट फाइल बनाने में सहायक सिद्ध होगी।  को डाउनलोड करने के लिए निम्नलिखित लिंक पर क्लिक करें।

बीएड इंटर्नशिप फाइल नमूना PDF डाउनलोड करें


इस ब्लॉग पोस्ट में हम बीएड इंटर्नशिप प्रोजेक्ट फाइल ( B.Ed internship project file ) के खंड 1 के विषय "विद्यालयी अध्यापकों, समुदाय के लोगों एवं विद्यार्थियों से अन्तः क्रिया आधारित रिपोर्ट" पर विस्तृत जानकारी साझा करेंगे। इस जानकारी को पढ़कर आप अपनी इंटर्नशिप डायरी के खंड 1 को आसानी से तैयार कर सकते हैं। इसलिए इस पोस्ट को पूरा अवश्य पढ़ें। 


बीएड इंटर्नशिप फाइल नमूना PDF : खण्ड 1


विद्यालयी अध्यापकों, समुदाय के लोगों एवं विद्यार्थियों से अन्तः क्रिया आधारित रिपोर्ट


प्रस्तावना विद्यालय और समुदाय समाज की दो धुरियाँ हैं जिनका उचित समन्वय एवं एक-दूसरे के प्रति समझ नितान्त आवश्यक है विद्यालय को विद्यार्थी उसी समुदाय से प्राप्त हो रहा है जो समुदाय उस समाज अंग है, अतः उसकी सरंचना, संगठन, आकांक्षा, अपेक्षा को समझना एक अध्यापक के लिए महत्त्वपूर्ण है। विद्यालय में हम मात्र विषय वस्तु का ही शिक्षण नहीं करते बल्कि बालक के सर्वांगीण विकास हेतु निरन्तर प्रयास करते रहते हैं अतः हमें यह जानना आवश्यक है कि इन तीनों पक्षों की विचारधारा क्या है और किस | सीमा तक इसमें समन्वय है।


निर्देश- अभी आप बी. एड. प्रशिक्षु अध्यापक हैं अतः आपके प्रशिक्षण का हिस्सा है कि आप इन तीनों प्रकार के लोगों को गहराई | से समझें। इस हेतु आप तीनों वर्ग के लोगों से अनौपचारिक साक्षात्कार कर सकते हैं, उनसे प्राप्त उत्तरों के आधार पर अपनी रिपोर्ट बना सकते हैं। साक्षात्कार हेतु विद्यालय के ही किसी एक अध्यापक, एक विद्यार्थी और उस विद्यार्थी जो उसी गाँव का हो, के अभिभावक का चयन करें।


(अ) अध्यापक के साथ अन्तःक्रिया


विद्यालय के किसी भी एक अध्यापक का चयन करके आप उनसे निम्नलिखित प्रश्न पूछ सकते हैं -

अध्यापक से पूछे जाने वाले सम्भावित प्रश्न-


परिचयात्मक सूचना- 


अध्यापक का नाम : _ _ _ _ _ _ _ _ _ _

पिता का नाम: _ _ _ _ _ _ _ _ _ _

आयु : _ _ _ _ _ _ _ _ _ _

योग्यता: _ _ _ _ _ _ _ _ _ _

विद्यालय का नाम: _ _ _ _ _ _ _ _ _ _


  • आप इस व्यवसाय में अपनी इच्छा से आये या नौकरी मिल गयी इसलिए आ गये ?

हां! अध्यापक ---- इस नौकरी में अपनी इच्छा से आए हैं।  सरकारी सेवा में आने से पूर्व निजी  विद्यालय में शिक्षण कार्य करवाते थे। वे अध्यापन व्यवसाय को एक इज्जत मान सम्मान तथा खरी कमाई मानते हैं


  • आपको विद्यालय में बच्चों को पढ़ाना कैसा लगता है?

अध्यापक को बच्चों को पढ़ाना रुचिकर व अच्छा लगता है।


  • कक्षा में जब बच्चे बार-बार प्रश्न करते हैं तो आप क्या महसूस करते हैं? 

बच्चों द्वारा बार-बार प्रश्न पूछने से उनमें पाठ्य विषय वस्तु का कांसेप्ट क्लियर होता है अध्यापक बच्चों द्वारा प्रश्न पूछने पर सहज व उनसे जुड़ाव महसूस करते हैं।

  • क्या आप कक्षा में जाने से पहले शिक्षण हेतु कोई योजना बनाते हैं ? 

अध्यापक _ _ _ _ _(नाम) कक्षा में जाने से पूर्व पाठ्य विषय वस्तु के महत्वपूर्ण बिंदुओं का अवलोकन करते हैं होशियार कमजोर बच्चों को उनके स्तरानुसार प्रश्न तैयार करते हैं ताकि उन्हें विषय वस्तु से जोड़ सकें।

  • क्या आप कक्षा शिक्षण हेतु प्रधानाध्यापक से उचित समन्वय रखते हैं?

 हां! अध्यापक _ _ _ _ (नाम) कक्षा शिक्षण हेतु प्रधानाध्यापक से उचित समन्वय रखते हैं।

  • क्या आप अपने विद्यार्थियों को नियमित गृह कार्य देते हैं?

 हां! अध्यापक _ _ _ विद्यार्थियों को नियमित गृह कार्य देते हैं।


  • गृह कार्य का नियमित मूल्यांकन करते हैं?

हां! अध्यापक द्वारा नियमित गृह कार्य का मूल्यांकन किया जाता है।

 

  • कमजोर बच्चों के अभिभावकों के संपर्क में रहते हैं?

 हां! अध्यापक कमजोर बच्चों के अभिभावकों के संपर्क में रहते हैं।


  • शिक्षण कार्य में आ रही परेशानियों को दूर करने हेतु अपने साथी अध्यापकों से चर्चा करते हैं?

अध्यापक का अपने साथी अध्यापकों के साथ अच्छा समन्वय है। वो शिक्षण कार्य में आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए अपने साथी अध्यापकों से चर्चा करते हैं।


  • अपनी पाठ्य पुस्तक का के अलावा अन्य संदर्भ पुस्तकों का अध्ययन करते हैं?

 हां! नियमित रूप से।


सरकार की शिक्षा संबंधी सभी योजनाओं की निरंतर जानकारी रखते हैं?

 हां! सभी योजनाओं की जानकारी रखते हैं।


  •  अपने विषय के उन्नयन हेतु सेवारत प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेते हैं?

 हां! नियमित तौर पर।


  •  विद्यार्थियों के मूल्यांकन के आधार पर उनकी उपचारात्मक कक्षाओं का आयोजन करते हैं?

 हां! हमेशा।


  • विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठकों में भाग लेते हैं?

 हां! नियमित रूप से।


इसके अलावा भी कुछ और प्रश्न आप जोड़ना चाहो तो जोड़ सकते हैं?


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नोट इन प्रश्नों से प्राप्त सूत्रों के आधार पर आपको यह रिपोर्ट बनानी है कि एक अध्यापक की सोच विद्यालय के प्रति क्या है।


 रिपोर्ट लेखन के निम्नलिखित क्षेत्र हो सकते हैं: 

साक्षात्कार के लिए जाने का दिन : - - - -

  दिनांक 

परिचयात्मक सूचना 


अध्यापक का नाम _ _ _ _ _ _ _ _ _ _

पिता का नाम_ _ _ _ _ _ _ _ _ _

शैक्षणिक योग्यता_ _ _ _ _ _ _ _ _ _

विद्यालय का नाम_ _ _ _ _ _ _ _ _ _

शिक्षण अनुभव_ _ _ _ _ _ _ _ _ _



  • अध्यापक के शिक्षण व्यवसाय के प्रति विचार :

अध्यापक के शिक्षण व्यवसाय के प्रति विचार : श्री - - - वर्ष 2010 में सरकारी सेवा में आए हैं।इससे पूर्व वे निजी विद्यालय में शिक्षण कार्य करवाते थे। वे अध्यापन व्यवसाय को एक अच्छा इज्जत, मान सम्मान तथा खरी कमाई मानते हैं। बच्चों को शिक्षा देकर व्यक्ति अपने को गौरवान्वित महसूस कर सकता है। इस व्यवसाय में व्यक्ति केवल अपने परिश्रम की कमाई ही घर ले जाता है। इस पेशे के प्रति ईमानदारी इस सेवा का भाव और अपनी कमाई जान का डटकर प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी की ओर सफल होकर एक शिक्षक के रूप में सेवा दे रहे हैं।


  • अध्यापक के कक्षा कक्ष में बच्चों से अंतः क्रिया संबंधी विचार 

आरंभ में बच्चों के साथ समायोजित होने में समय लगा क्योंकि पूर्व में निजी विद्यालय में बड़ी कक्षाओं में पढ़ाते थे। अब कक्षा में गतिविधि आधारित शिक्षण कार्य द्वारा बच्चों को प्रेरित करने में सफल हो रहे हैं। बार-बार कक्षा टेस्ट लेकर बच्चों को उनकी स्थिति से अवगत कराना, अन्य कार्य में आगे रहकर बच्चों के साथ-साथ कक्षा में स्वयं को गतिशील रखते हैं। यही उनके सुदृढ विचार है।


  • विद्यार्थियों को दी जाने वाली परिपुष्टि संबंधी विचार:

अध्यापक का निरंतर नियमित तौर पर अपने विद्यार्थियों को फीडबैक देते हैं। यथा: पाठ्य शिक्षण संबंधी, व्यवहार संबंधी सांस्कृतिक गतिविधियों संबंधी। अध्यापक का मानना है कि उनके फीडबैक से विद्यार्थी विद्यार्थियों के सीखने पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।


  • विद्यार्थियों के अभिभावकों से किए जाने वाले संपर्क का संबंधी विचार:

अध्यापक का मानना है कि अभिभावक भी विद्यालय में हितधारक है। अभिभावक मीटिंग में बच्चों कि शैक्षिक स्थिति के बारे में अवगत करवाया जाता है। अभिभावकों से नियमित संपर्क से विद्यालय समय के उपरांत बालकों की दिनचर्या में सकारात्मक बदलाव किए जा सकते हैं। जिससे बालकों का बहुमुखी विकास होगा।


  • स्वयं के शैक्षिक उन्नयन संबंधी विचार:

श्री - - - - का यही मानना है कि एक शिक्षक अपने आपको हमेशा विद्यार्थी मानता है। नवाचार से अद्यतन रहे। अपनी शिक्षा को गतिशील रखें। सूचना और समाचारों से देश-विदेश की खबरों से स्वयं को अपडेट करता रहे। तभी जाकर वह अपना शत-प्रतिशत छात्रों के सम्मुख तथा विद्यालय में प्रस्तुत कर पाता है। जो अध्यापक समय को पूर्ण मान लेता है, उसका विकास से रुक जाता है‌। वह आलसी बनकर विद्यार्थियों तथा समुदायों के सामने बार-बार अपमानित होता है।


  • शाला प्रधान एवं अन्य साथियों से समन्वय संबंधी विचार

अध्यापक का मत है कि घर, परिवार, समाज, संस्था या पिर देश, राज्य और संगठन हो! सभी आपसी समन्वय से चलते हैं।

विद्यालय के सभी साथी शिक्षक व प्रधानाचार्य मिलकर विचार-विमर्श तथा आपसे प्रयत्नों के द्वारा शैक्षणिक कार्य में आने वाली बाधाओं को दूर करता था‌। साथियों के साथ संवाद कर दूर कर सकते हैं।

श्री - - - स्वयं भी इसी बात को अपने पर लागू करते हैं तथा सभी के साथ प्यार सहयोग वेह मित्रवत परिवार के साथ विधालय तथा छात्र हित में से प्रयासरत रहते हैं।


  • अभिभावकों एवं समुदाय के लोगों से संबंधित विचार

विद्यालय में हर माह शिक्षक अभिभावक संघ की बैठक का आयोजन किया जाता है इनके द्वारा समस्याओं के बारे में विचार-विमर्श होता है समुदाय के अन्य लोगों से संपर्क कर उन्हें इस सेक्सी का माहौल प्रभावी बनाने में मदद ली जाती है गांव के शिक्षित लोगों को तथा ढीठ अभिभावकों को समझाने में मदद भी मिल जाती है।

शिक्षक को शिक्षा देने के प्रति ईमानदार होना चाहिए पर दिखाई भी देना चाहिए जिससे हर घर में चर्चा होने लगती है अबकी बार भी विद्यालय में पढ़ाई बहुत अच्छी हो रही हैं। जिससे अभिभावकों का विधायक के प्रति सकारात्मक भाव बढ़ता है।


  • सरकार की शिक्षा संबंधी योजनाओं के बारे में विचार:

इनका कहना है कि 'अति सर्वत्र वर्जयेत'। सरकार बार-बार शिक्षा नीति बदल रही है। आदेश नियम बदल रही है। यह शैक्षिक माहौल के लिए घातक है। अध्यापक व छात्रों की शिक्षा के प्रति सोच स्थाई नहीं हो पाती है। सरकार द्वारा शैक्षिक नीतियां थोपनी नहीं चाहिए। नीतियां बनाते समय स्तरानुसार शिक्षकों को विचार प्रकट करने की छूट देनी चाहिए। यानी शिक्षकों के अनुभव को इसमें सम्मिलित करना चाहिए। कई बार प्रोत्साहित करने वाली सरकारी योजनाएं कारगर होती है तथा मिड डे मील, छात्रवृत्ति योजना, पुरस्कार, निशुल्क पाठ्य पुस्तक, शिक्षकों के नवाचार हेतु प्रशिक्षण आदि शिक्षक परिवर्तन को सुधारने में महत्ती भूमिका निभाते हैं।


  • सारांश:


श्री ---- अध्यापक आज के युवा अध्यापक है तो वह शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कुछ करना चाहते हैं। उनके विचार आधुनिक तथा प्राचीन विचारों को समन्वित करने में विश्वास रखता हैं। पुरानी व्यवस्था को नई नीति के अनुसार मिलकर काम करना चाहिए।

उनके विचारों से हमें यही आभास होता है की अप्रतिम संस्कृति की नींव पर नई इमारत खड़ी करने में अपना विचार रखते हैं।


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