फिफ्टी विलेजर्स (50 Villagers) : सरकारी विद्यालय में पढे छात्रों को बना रहे हैं डॉक्टर

 फिफ्टी विलेजर्स : सरकारी विद्यालय में पढे छात्रों को बना रहे हैं डॉक्टर


नमस्कार साथियों! कैसे हो आप सभी, आशा करता हूं सकुशल होंगे।  ई-मित्रा हेल्प ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत व अभिनंदन है आज की पोस्ट प्रेरणादायक है। पोस्ट को पूरा पढ़ें मैं अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें।

फिफ्टी विलेजर्स | fifty villagers


आर्थिक अभाव में हर वर्ष न जाने कितने छात्र-छात्राएं अपने सपनों को पूरे नहीं कर हैं। कुछ तो पढ़ाई शुरू भी नहीं कर पाते और कई इंटर तक आते-आते पढ़ाई छोड़ रोटी रोजी का जुगाड़ करने लग जाते हैं। हाशिए के होनहार युवाओं को अगर सही मार्गदर्शन और उचित प्लेटफार्म मिले तो यकीनन वह अपनी सफलता का लोहा मनवा सकते हैं। बाड़मेर के युवा डॉक्टर भरत सारण अब्दुल कलाम की प्रेरणा से शिक्षा का दीप हर आंगन में जलाने के उद्देश्य से पिछले 10 वर्षों से हास्य के छात्र छात्राओं को डॉक्टर बनने की निशुल्क कोचिंग सुविधा उपलब्ध करवा रहे हैं।


डॉ भरत सारण बाड़मेर राजस्थान के पश्चिमी सीमा पर बसे बाड़मेर जिले के निवासी है। और वर्तमान में जिला चिकित्सालय में चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत है। यह तो इनकी पेशेवर जानकारी है। अब बात करते हैं इनके सामाजिक व शैक्षणिक के प्रयासों के बारे में, डॉक्टर सारण थार के मरुस्थल के वाशिंदे होने के कारण यहां भौगोलिक विषमताओं के साथ ही साथ शैक्षणिक व स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को देखते हुए पले बढे। जिस वक्त डॉ भरत सारण डॉक्टर बनने के लिए तैयारी कर रहे थे इनके कई मित्र आर्थिक तंगहाली के चलते अपने सपनों को छोड़कर अन्य कार्यों में लग गए। यह डॉक्टर सारण के लिए व्यक्तिगत आघात से कम नहीं था। भरत सारण डॉक्टर बने तो उन्होंने भारत के पूर्व राष्ट्रपति कलाम को आदर्श मानते हुए हाशिए के छात्रों तक शिक्षा का दीप जलाने का सपना देखा। और उन्होंने फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान का गठन किया जहां हर वर्ष 50 आर्थिक रूप से कमजोर सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले होनहार छात्र छात्राओं को डॉक्टर बनाने की निशुल्क कोचिंग करवाते हैं। यहां प्रवेश से पाने वाले छात्र छात्राओं के लिए पढ़ाई के साथ-साथ रहने खाने-पीने की भी निशुल्क व्यवस्था संस्थान की तरफ से की जाती है। प्रत्येक छात्र पर लगभग 25 से ₹30 हजार वार्षिक का खर्चा खर्च होते हैं। जिनका वहन भामाशाह के सहयोग से किया जाता रहा है। 

फिफ्टी विलेजर्स से गत वर्ष तक 41 डॉक्टर बने हैं, 18 छात्रों का इस वर्ष शासकीय (सरकारी) मेडिकल कॉलेज में चयन हुआ है। 

इसके अतिरिक्त फिफ्टी विलेजर्स से जो डॉक्टर नहीं बन पाए लेकिन उन्होंने सफलता के नए मकान हासिल किए हैं ऐसे फिफ्टी विलेजर्स के 28 छात्र हैं जिनमें से 11 लैब टेक्नीशियन, 9 पुलिस विभाग व 8 अन्य सरकारी विभागों में सेवाएं दे रहे हैं।


कैसे होता है 50 विलेजर्स में  होनहारों का कोचिंग हेतु चेयन

फिफ्टी विलेजर्स संस्थान द्वारा हर वर्ष सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले अभावग्रस्त होनहार छात्रों को डॉक्टर बनाने के लिए परीक्षा का आयोजन किया जाता है जिस में चयनित होने वाले छात्रों के निशुल्क शिक्षा, रहने व खाने-पीने की व्यवस्था संस्थान करती है।


फिफ्टी विलेजर्स संस्थान में कैसे तैयार होते हैं  भावी डॉक्टर

फिफ्टी विलेजर्स संस्थान के संस्थापक डॉ भरत सारण ने विभिन्न कोचिंगों की प्रेशराइज्ड तैयारी  के मॉड्यूल से हटकर इनोवेटिव तरीका अपनाया। संस्थान में नीट की कोचिंग हेतु चयनित होने वाले छात्रों को अपने सारे काम स्वयं करने होते हैं। यहां छात्र स्वयं का खाना पकाने से लेकर पढ़ाई भी खुद ही करते हैं। अमूमन हर रोज 10 से 12 घंटे हर छात्र सेल्फ स्टडी करता है। संदेह का निवारण सीनियर करते हैं। छात्र कॉमन डॉउट वाले क्यूशन डॉ भरत सारण पूछते हैं। 



इस वर्ष फिफ्टी विलेजर्स नीट परिणाम (Neet2021 Result) में 45 छात्रों का हुआ है चयन


दीपावली से ठीक पहले और धनतेरस पर NTA द्वारा आयोजित नीट परीक्षा का परिणाम जारी किया गया। जारी किए गए परिणामों में फिफ्टी विलेजर्स संस्थान के 45 छात्र चयनित हुए हैं। जिनमें से 18 छात्रों को का चयन शासकीय (सरकारी) मेडिकल कॉलेज में हुआ है। इनमें से भी अणदाराम व कैलाश दो छात्र  ऐसे हैं जो 12वीं के साथ-साथ नीट परीक्षा (NEET EXAM) सफल होने में कामयाब रहे।

संस्थान के छात्र के रामनिवास विश्नोई नीट परीक्षा में 720 में से 685 अंक अर्जित कर ऑल इंडिया 712 वी रैंक के साथ बाड़मेर जिले में द्वितीय स्थान पर रहे। सफल होने वाले सभी छात्र कक्षा ग्यारहवीं से संस्थान में भामाशाह के सहयोग से निशुल्क अध्ययनरत थे।



फिफ्टी विलेजर्स संस्थान पिछले 10 वर्षों से निरंतर

कोई भी हाशिए का छात्र आर्थिक मजबूरी के चलते शिक्षा से वंचित न रहे वो निशुल्क अपने ख्वाबों को पूरा करें।

ध्येय वाक्य के साथ कार्यशील है। जिसके परिणाम अभी हम सबके सामने है। अगर ऐसी ही फिफ्टी विलेजर्स देश के कोने कोने में आरंभ हो जाए तो देश के असंख्य युवाओं को आर्थिक तंगहाली के चलते अपने सपनों को अधूरा नहीं छोड़ना पड़ेगा और वो आगे चलकर भारत के सुखद भविष्य का निर्माण करेंगे। आइए हम सब मिलकर ऐसी सकारात्मक का संस्थाओं का सहयोग करें जिससे इनका निरंतर सुचारू संचालन हो सके। 


इस प्रकार इस पोस्ट में हमने देश की एकमात्र निशुल्क संस्थान Fifty Villagers के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की है जो निशुल्क डॉक्टर बनने में गरीब होनहार छात्रों के मददगार साबित हो रही है। आशा है यह जानकारी आपके लिए रुचिकर व उपयोगी सिद्ध होगी। इस जानकारी को अपने फिर परिचित के साथ अवश्य साझा करें।

भविष्य में निरंतर अपडेट पाने के लिए ई-मित्रा हेल्प ब्लॉग के साथ बने रहें।



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  1. Fifty Villagers का जलवा बरकरार! इस बरस भी 18 बनेंगे डॉक्टर.

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