1 अगस्त से लागू होंगे UPI के नए नियम, जानिए क्या बदल जाएगा आपके लिए


1 अगस्त से UPI में बड़ा बदलाव: हर ट्रांजैक्शन के बाद दिखेगा बैलेंस, कई सेवाओं पर लगेगी दैनिक सीमा

एनपीसीआई ने UPI यूज़र्स के लिए लागू किए नए नियम, ट्रांजैक्शन स्टेटस, ऑटोपे और बैलेंस चेक जैसी सेवाओं की सीमा तय, सर्वर लोड कम करने की कोशिश


एनपीसीआई ने UPI यूज़र्स के लिए लागू किए नए नियम, ट्रांजैक्शन स्टेटस, ऑटोपे और बैलेंस चेक जैसी सेवाओं की सीमा तय, सर्वर लोड कम करने की कोशिश


1 अगस्त से लागू होंगे UPI के नए नियम, जानिए क्या बदल जाएगा आपके लिए

नई दिल्ली, 27 जुलाई 2025 
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) सेवा में कुछ अहम बदलाव किए हैं, जो 1 अगस्त 2025 से पूरे देश में लागू होंगे। इन नियमों का उद्देश्य UPI यूज़र्स के लिए लेनदेन को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और सर्वर-लोड मुक्त बनाना है।


🔹 नए बदलावों की प्रमुख बातें:

🔸 1. हर लेनदेन के बाद मिलेगा बैलेंस अलर्ट

अब प्रत्येक सफल ट्रांजैक्शन के बाद ग्राहकों को SMS या ऐप नोटिफिकेशन के जरिए शेष राशि (Balance) की जानकारी दी जाएगी। इससे ग्राहक बार-बार बैलेंस चेक करने से बचेंगे।

🔸 2. बैलेंस चेक की सीमा – सिर्फ 50 बार प्रतिदिन

UPI ऐप के ज़रिए अब यूज़र्स एक दिन में अधिकतम 50 बार ही बैलेंस जांच सकेंगे। व्यस्त समय में यह संख्या और सीमित हो सकती है।

🔸 3. लिंक्ड बैंक अकाउंट की जांच – 25 बार प्रतिदिन

ग्राहक यह भी केवल 25 बार प्रतिदिन ही देख सकेंगे कि उनके मोबाइल नंबर से कौन-कौन से बैंक खाते लिंक्ड हैं।

🔸 4. ऑटोपे मैडेट सिर्फ गैर-पीक ऑवर्स में

अब किसी ऐप या सेवा का ऑटोपे मैडेट केवल गैर-व्यस्त समय में ही ऐक्टिव होगा। व्यस्त समय को सुबह 10 से दोपहर 1 बजे और शाम 5 से रात 9:30 बजे के बीच माना गया है।

🔸 5. ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक – सीमित बार और अंतराल

कोई लेनदेन अटक जाए तो उसकी स्थिति पहली बार 90 सेकंड बाद, और फिर हर 60 सेकंड के अंतर पर अधिकतम 3 बार जांची जा सकेगी।


🛠️ बैकग्राउंड: क्यों लाए गए ये बदलाव?

हाल के महीनों में UPI ट्रांजैक्शन में देरी और सर्वर डाउन की घटनाएं बढ़ी हैं। ग्राहक बार-बार बैलेंस और ट्रांजैक्शन स्टेटस जांचते हैं, जिससे सर्वर पर अनावश्यक दबाव बनता है। NPCI का मानना है कि इन नियमों से यह लोड काफी हद तक कम होगा।


📅 NPCI ने दिए थे संकेत, 31 जुलाई तक की थी डेडलाइन

NPCI ने मई 2025 में ये बदलाव प्रस्तावित किए थे और बैंकों, फिनटेक कंपनियों और UPI ऐप्स को 31 जुलाई तक अपनी तकनीकी प्रणाली अपडेट करने को कहा गया था।


🔐 ग्राहकों के लिए सुझाव:

  • अपने UPI ऐप को समय पर अपडेट करें।
  • बार-बार बैलेंस चेक करने से बचें।
  • संवेदनशील जानकारी किसी अनजान ऐप या व्यक्ति से साझा न करें।

📌 निष्कर्ष:

1 अगस्त 2025 से लागू हो रहे ये नए नियम UPI सेवा को और अधिक मजबूत, विश्वसनीय और तेज़ बनाएंगे। यह कदम डिजिटल लेनदेन के बढ़ते भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण सुधार है।



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